दिल की हर धड़कन से,तेरा नाम निकलता हैं।
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यह तो बता दो बरसाने वारी, मैं कैसे तुम्हारी लगन छोड़ दूंगा
करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
झुलनी पे सेठ सांवरो झुलवा ने जावे सा,
बड़ी दूर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
भगवती सामने खुद खड़ी,नाम जपलो घड़ी दो घड़ी
मेरा रूठे ना सतगुरु प्यारा, चाहे सारा जग रूठे
उमर सारी बीत गयी माला न फेरी।
ठुमक ठुमक कर घोड़ो आवे मोतिया जड़ी लगाम
ले लो मोहन माला,मुरली का क्या काम है,
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