मन की बातां संवारिये ने,आज सुना कर देख ले,
Tag: Mhara sawariya ji seth
झुलनी पे सेठ सांवरो झुलवा ने जावे सा,
म्हारा सांवरिया जी सेठ, जाने कहां हो गयो लेट,
म्हारे तो सेठ तनधन जी, सेठानी म्हारी नाराणी
जिनको जिनको सेठ बनाया, वो क्या रिश्तेदार हैं
मेरे घर आना सांवरिया, तुझे जाने न दूंगी
मैं तो पतली पड़ गई सांवरिया, कर कर थाने याद
तनधन बाबो सेठ,म्हारी नाराणि सेठानी है।