तर्ज, नखरालो देवरियो
मैंने ढूंढ लिया भगवान, मिला नहीं काही में।मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
गली गली ढूंढ आई,मिले नही चारों और। नाही मिल्यो घनश्याम नाही मिले माखन चोर। मुझे सुबह से हो गई शाम बहुत पछताई में।मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
मैंने ढूंढ लिया भगवान, मिला नहीं काही में।मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
भूल से मैं काशी गई पहुंच गई नंद गांव। गोकुल और बरसानो ढूंढो, वृंदावन में हो गई शाम। मैंने किया मथुरा विश्राम बहुत पछताई में। मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
मैंने ढूंढ लिया भगवान, मिला नहीं काही में।मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
कभी ना मैं गंगा नहाई, पहुंच गई चित्रकूट। कभी ना त्रिवेणी नहाई भाग मेरे गए फूट। मैंने ढूंढे चारों धाम बहुत पछताई में। मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।
मैंने ढूंढ लिया भगवान, मिला नहीं काही में।मेरे दिल में बैठे राम, देख नहीं पाई में।