धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
गंगा में ढूंढा यमुना में ढूंढा, ढूंढा सरयू के तीर रे।
मेरा श्याम न जाने किधर गया।🌺🌺🌺🌺🌺धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
चंदा में ढूंढा सूरज में ढूंढा, ढूंढा तारों के बीच रे।
मेरा श्याम न जाने किधर गया।🌺🌺🌺🌺🌺धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
मंदिर में ढूंढा गुरुद्वारे में ढूंढा, ढूंढा चारो धाम रे।
मेरा श्याम न जाने किधर गया।🌺🌺🌺🌺🌺धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
मथुरा में ढूंढा गोकुल में ढूंढा, ढूंढा गोकुल नगरिया रे।मेरा श्याम न जाने किधर गया।🌺धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
ऋषियों में ढूंढा सतगुरु में ढूंढा, ढूंढा सारे भक्तों में।मेरा श्याम न जाने किधर गया।🌺🌺🌺🌺धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।
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धरती से गगन तक ढूंढा रे मेरा श्याम न जाने किधर गया।