तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी। जग सारा रूठ जाये रूठना न हरि जी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी ।
भगवन की कचहरी में, पेश जब होयेंगे। आगे तू वकील बन के,खड़ा रहना हरि जी।🌺🌺🌺🌺तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी। जग सारा रूठ जाये रूठना न हरि जी।
मेरे गुनाहों की, किताब जब खोली जाये। हाथ तेरे कलम, दवात होवे हरि जी।🌺🌺🌺🌺🌺तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी। जग सारा रूठ जाये रूठना न हरि जी।
मैं तेरी पतंग, मेरी डोर तेरे हाथों में। भूल के भी डोर कभी, छोड़ना न हरि जी।🌺🌺🌺🌺🌺तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी। जग सारा रूठ जाये रूठना न हरि जी।
भवसागर से, पार जब होयेंगे। आगे तू मल्लाह बन के, खड़ा रहना हरि जी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी। जग सारा रूठ जाये रूठना न हरि जी।
Categories
Tera mera pyar kabhi chute na hari ji,तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी,krishna bhajan
तेरा मेरा प्यार कभी छूटे न हरि जी।