मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
Tag: Chetawani bhajan lyrics निर्गुण भजन लिरिक्स
मुक्ति का कोई तूँ जतन करले रे,
रोज थोड़ा थोड़ा हरी का भजन करले ।
काया का पिंजरा डोले रे, सांस का पंछी बोले रे।।
हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। जब यमदूत लेन को आये,नैक धरे न धीर,मार मार के जान निकले,बहे नैन से नीर।हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। हंसा निकल गयो पिंजरे से,खाली पड़ी रही तस्वीर। कोई रोवे कोई मल-मल धोवे,कोई उढावे चीर। चार जने जब मिलकर ले गये,ले गये मरघट तीर। हंसा […]
बहन मेरी बनी हवेली चार, राम गुण में ना गाऊँगी।
निंद्रा बेच दू कोई ले तो। हा राम राम रेट तो , तेरो मायाजाल कटेलो।
राम नाम सांचा जग में, बाकी सब झमेला
सत्संग में हरि को नाम हमारो मन सत्संग में
बड़े जन्मों के बाद चोला पाया, नी देखी कित्ते दाग ना लगे।
कलयुग बन ठन के आ गे, धर्म धरती में समा गे।
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