हम भटक रहे मारे मारे, दुख दर्द मुसीबत के हारे
Tag: Bhatakta dole kahe prani
ओ म्हारा पियाजी रा प्राण बचाए, हिरणी हरी ने अरज करे
हमरो प्रणाम बांके बिहारी को,
राधे रानी राधे रानी बोलो ना,
राज है क्या ये खोलो ना,
जो खेल गए प्राणों पे,
श्री राम के लिए,
मनमोहन की प्यारी, राधा रानी हमारी।
भटक भटक कर सारे जग में,
आया द्वार पे तेरे,
झूठी काया में डोले,
झूठी माया में डोले,
मरना है तो एक बार मरो,
फिर चौरासी में पड़ना क्या,
सबसे सुंदर है बरसाना बिरज में राधा रानी को।
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