आछी पाई ओ गुरूसा,
म्हाने ज्ञान गुटकी,
Tag: Chaurasi ki nind me mhara satguru aake jaga re Diya
म्हाने कर मनवार पिलायो सा,
सतगुरु सा म्हाने, प्रेम प्यालो पायो जी,
मेरे सतगुरु प्यारे दा ,दरबार बड़ा सोहणा है।
हे शिव शंभू करुणा सिंधु जग के पालनहार
मैने तेरे भरोसे गुरुदेव सागर में नैया डार दई।
मैं बहुत दिनों का प्यासा हूँ,
मुझे श्याम सुधा पी लेने दो,
गुरु जी तैने कैसो खेल रचायो
तेरी माया को पार ना पायो।
कान्हा तेरे रूप का तो दिया सा जले।दिया सा जले।गोवर्धन मैदान घाटी पहाड़ के तले।
गुरु चरणों में लागा मेरा ध्यान बांसुरी की धुन सुनके।
मैं भोले जगाई आई भोले ना जागे।
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