आज भवर में नैया कन्हैया
तुम हो कहा तुम हो कहाँ
Tag: dubegi meri Naiya
हनुमत तुम्हारे सहारे मैंने आज, सागर में नइया छोड़ दई।
ये जीवन नैया है,
इस नैया का,
तू ही माझी है,
मेरी बीच भँवर में है,
मेरी नैया कन्हैया पार करो,
मजधार फँसी नैया इसे पार लगा जाओ।
मैया मैया बोल नैया पार हो जाएगी,
मझधार में कश्ती है,
और राह अनजानी है,
कभी आया साथी बनकर,
कभी आया माझी बनकर,
मैने तेरे भरोसे गुरुदेव सागर में नैया डार दई।