मारा मनवा जीवडलो हिलोरा खाय,
Tag: Chaurasi ki nind me mhara satguru aake jaga re Diya
इस नभ में ऐसे चमके जैसे सूरज चांद सितारे।
ले के पूजा की थाली, ज्योत मन की जगाली,
तेरी आरती उतारूँ भोली माँ।
भरोसे थारे चाले ओ
सतगुरु मारी नाव,
आज गुरु आविया रे,
मारा हिवड़ा में उठी रे हिलोर।।
मन चल रे गुरु के धाम हरी हरी गायेगे
बाटन आली मने भी दिए,के लैरी से थाली में।
गुरु सा म्हाने ज्ञान बतायो रे, जग झूठ लखायो रै
सतगुरु ने आन जगाई है सखि,भरम भूल में सौवे थी।
रमते रावल ने म्हारा,
आदेश देणा,
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