जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
Tag: Chel chatur rang rasiya re bhawara par ghar prit mat kije
डारो नहीं डारो, रंग रसिया श्याम ।
रास रचायो रसिक बिहारी,एसो रस बरसाए दियो
छेल चतुर रंग रसिया रे भंवरा,
पर घर प्रीत मत कीजे,
जो प्रेम गली में आए नहीं
वह प्रीतम का ठिकाना क्या जाने।
डारो नहीं डारो, रंग रसिया श्याम ।
रास रचायो रसिक बिहारी,एसो रस बरसाए दियो
छेल चतुर रंग रसिया रे भंवरा,
पर घर प्रीत मत कीजे,