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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Sakhiri bake bihari se hamari lad gayi akhiya,सखी री बांके बिहारी से,हमारी लड़ गयी अंखियाँ,krishna bhajan

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥

ना जाने क्या किया जादू
यह तकती रह गयी अखियाँ ।
चमकती हाय बरछी सी
कलेजे गड़ गयी आखियाँ ॥

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥

चहू दिश रस भरी चितवन
मेरी आखों में लाते हो ।
कहो कैसे कहाँ जाऊं
यह पीछे पद गयी अखियाँ ॥

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥

भले तन से निकले प्राण
मगर यह छवि ना निकलेगी ।
अँधेरे मन के मंदिर में
मणि सी गड़ गयी अखियाँ ॥

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥

सखी री बांके बिहारी से
हमारी लड़ गयी अंखियाँ ।
बचायी थी बहुत लेकिन
निगोड़ी लड़ गयी अखियाँ ॥

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