ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है।
पास हमारे कुछ भी नहीं,
केवल भाव चढाना है।
जब से तेरी सूरत देखि,
तुम में प्रेम की मूरत देखि।
अपना तुम्हे बनाना है,
अपना तुम्हे बनाना है॥पास हमारे कुछ भी नहीं,
केवल भाव चढाना है।ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है।
और किसी को क्या मैं जानू,
अपनी लगन को सब कुछ मानू।
दिल का दरद सुनाना है,
दिल का दरद सुनाना है॥पास हमारे कुछ भी नहीं,केवल भाव चढाना है।ना मैं मीरा ना मैं राधा,फिर भी श्याम को पाना है।
जनम जनम से भटकी मोहन,
युग युग से मैं भटकी प्रीतम।
अब ना तुम्हे भुलाना है,
अब ना तुम्हे भुलाना है॥पास हमारे कुछ भी नहीं,केवल भाव चढाना है।ना मैं मीरा ना मैं राधा,फिर भी श्याम को पाना है।
Categories
Na me mira na me radha,fir bhi shyam ko pana hai,ना मैं मीरा ना मैं राधा,फिर भी श्याम को पाना है,krishna bhajan
ना मैं मीरा ना मैं राधा,
फिर भी श्याम को पाना है।