प्रभु ने अजब लिखी तकदीर।
Author: Pushpanjali
रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगाये देना,
ऐसा कलयुग आया संतो ऐसा कलयुग आया।
जब सर पे है राम का हाथ,चिंता फिर क्या करना।
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
वारी जाऊं रे गुरा,
बलिहारी जाऊं रे,
मारा सतगुरु आंगन आया,
राधे जी के हृदय पटल पर वास तिहारो बिहारी।
वृदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है,
मैं तो बांके बिहारी के पांव पड़ूं।पांव पड़ूं में तो पांव पड़ूं
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