सारी दुनिया से मैं हार, मैया आयो थारे द्वार, म्हाने हिवड़े लगाओ जी
Author: Pushpanjali
भोले बाबा की गोरा बनी रे दुल्हनिया
एक दिन वो भोले भंडारी बंद करके बृज नारी गोकुल में आ गए हैं
म्हारी भी नैया ने कर दे पार मां
इस योग्य हम कहां हैं दादी तुम्हें मनाएं
दादी तेरे भरोसे, मेरा परिवार है
माई ये थारी जोत सवाई ये,दादीजी थारी जोत सवाई ये
जगदंबे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है
श्री श्याम म्हाने थांके धाम बुलाओ बाबा श्याम।
धोए धोए अंगना में, आओ म्हारा दादी जी।
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