तुम बिन नाथ कौन गति मेरी।
Tag: Dinbandhu dinanath meri dori tere haath
राम से लगी डोरी श्याम से लगी। उनको कौन सतावे जिन की डोरी राम से लगी।
शिव शंकर भोले नाथ, तेरा डमरू बाजे पर्वत पे।
मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगाये देना,
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना
अगर नाथ देखोगे अवगुण हमारे,
म्हारा खूब सज्या रे दीनानाथ,
म्हारा मन मोह लिया,
तेरी जिंदगी दो दिन की,सह में लुटावे क्यों
ऐसा क्या काम किया मैंने तेरा
जो मेरा हाथ तूने थाम लिया
राधे मोय नथ को, किशोरी मोहे नथ को तोता बनाय दे,
You must be logged in to post a comment.