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राम भजन लिरिक्स

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रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

सखी मेरे ससुर ने झगड़ा मोल लिया। छल करके बनो में खेल किया।ले आए जनक की जाई।मेरी अरज सुनो रघुराई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

युद्ध मेरे पति का लखन से हुआ। कोई हारा या जीता जगत का जुआ। प्यारे प्रीतम ने मुक्ति पाई। मेरी अरज सुनो रघुराई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

शीश मेरे पति का मुझे दीजिए। जो हुई है खता माफ कर दीजिए। हूं दुखों कि मैं बहुत सताई।मेरी अरज सुनो रघुराई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

राम जी से सुलोचन शीश ले रही।शीश लेके सुलौचन सती हो रही। सारी बहनों को शिक्षा दिलाई। मेरी अरज सुनो रघुराई।🌺🌺🌺🌺🌺रामा दल में सुलोचना आई, मेरी अरज सुनो रघुराई।

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