राम से लगी डोरी श्याम से लगी। उनको कौन सतावे जिन की डोरी राम से लगी।
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मेरे दिल की पतंग में माँ की डोर तू लगाये देना,
मेरे दिल की पतंग में श्याम
की डोर तू लगाय देना
मनमोहन खाले खिचड़ी, तुम भोग लगाओ भगवान जीमावे बेटी जाट की।
श्याम तेरे हाथों में हमारी डोर है,
म्हारे श्याम की किरपा अपार,देखो बरस रही जी बरस रही
ले बाबा का नाम अमृत बरसेगा,
डोर कदम की डार बंधवाये, झूला राधा को श्याम झूलाये
मोर छड़ी लहराई रे रसिया ओ सांवरा
मेरा श्याम बड़ा अलबेला
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