करके सोलह श्रृंगार, के भोला बन गये नर से नार
Tag: ram
म्हारा सतगुरु दीनी रे बताय ,
दलाली हीरा लालन की।
तन धर सुखिया कोए ना देखा,जो देखा सो दुखिया जी
एक दिन घोघड आसी रे।
मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।
बड़ी दूर से चलकर आया हूं,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के
भगवती सामने खुद खड़ी,नाम जपलो घड़ी दो घड़ी
मेरा रूठे ना सतगुरु प्यारा, चाहे सारा जग रूठे
उमर सारी बीत गयी माला न फेरी।
You must be logged in to post a comment.