डाल रही वरमाला अब तो जानकी,
जय बोलो जय बोलो सीताराम की,
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शबरी देख रही है बाट,रामजी मेरे आयेंगे
मेरे राम, दया के सागर हैं,
मेरी विगड़ी बनाओ, तो जाने।
इक हमारे बांके बिहारी दूजे लख दातार,
हमारे दो ही रिश्तेदार,
रानी रे तेरे तीनो वचन खराब से, बेकार से, जो राम ते दगा करेगी।।
घर आएं हैं लक्ष्मण राम,🌺🌺🌺🌺🌺अयोध्या नगरी फूल रही, बागा फूल बग़ीचा फूल्या,🌺🌺🌺🌺फूल रही बनराइ,पूरी अयोध्या ऐसी फूली,फूली कौशल्या हरी की माय,अयोध्या नगरी फूल रही,घर आएं हैं लक्ष्मण राम,अयोध्या नगरी फूल रही, पहले भाई भारत सूं मिलिया,🌺🌺🌺🌺🌺पीछे कैकई माई,अवधपुरी का सबसू मिलिया,मिलिया कौशल्या हरी की माय,अयोध्या नगरी फूल रही,घर आएं हैं लक्ष्मण राम,अयोध्या नगरी फूल रही, […]
फेरे है माला राम की,
जपे राम जी का नाम सुबहो शाम ,
तेरे सिर पर गठरी पाप की, तेरे लगी भरम की भूल, भक्ति कर भगवान की।
नौलख तारां बीच चन्द्रमा, म्हारे सतगुरु चंद्रभान।
म्हारा सतगुरु दीनी रे बताय ,
दलाली हीरा लालन की।