गणपति जी दया कीजिये
मेरी अर्जी लगा लीजिये
Tag: Likhne wale tu hoke dayal likh de
दीनबंधु दयालु दया कीजिये,
वरना हमको यहाँ से उठा लीजिये।
खुल गए भाग हमारे,गुरुदेव पधारे
सेवक के प्राण पुकार रहे, गुरुदेव हरे गुरुदेव हरे।
नौलख तारां बीच चन्द्रमा, म्हारे सतगुरु चंद्रभान।
म्हारा सतगुरु दीनी रे बताय ,
दलाली हीरा लालन की।
लिखने वाले तू होके दयाल लिख दे।