तर्ज,मुकुट सिर मोर का
वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।वो दिल किस काम का,दीवाना जो ना राम का।
बता दो ये जहान से,जमीन आसमान से।वो नैना नैना नैना,वो नैना नैना नैना,वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।
रामजी से नाता जोड़ो,जिंदगी की राहों में।चर्चा बढ़ेगा तेरा,सबकी निगाहों में।🌺🌺🌺🌺🌺सुबह चाहे शाम के,भजन करो राम के।।🌺🌺वो नैना नैना नैना,वो नैना नैना नैना,वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।
राम बहारों में है,राम ही नजारों में।राम ही दिखाई देते,चांद सितारों में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺है गली गली राम की,अयोध्या धाम की।।🌺🌺वो नैना नैना नैना,वो नैना नैना नैना,वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।
मंगल करता है ये,अमंगल हारी।जग के रचियता मेरे,अवध बिहारी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जलाओ ज्योति राम की,सुबह और शाम की।।वो नैना नैना नैना,वो नैना नैना नैना,वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।
वो नैना किस काम के,दीवाने जो ना राम के।वो दिल किस काम का,दीवाना जो ना राम का।