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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Ekdin ghoghad aasi re,एक दिन घोघड आसी रे,nirgun bhajan

एक दिन घोघड आसी रे।

एक दिन घोघड आसी रे।
घाल गले में डोर जीवडो पकड़ ले जासी रे।।

पांच पच्चिसौं मिली छोकरी,कह्यो किसी को ना माने।इस घोघड ते डरते रहियो, कोई मत पड़ियो पाछे।।एक दिन घोघड आसी रे।🌺🌺🌺🌺
घाल गले में डोर जीवडो पकड़ ले जासी रे।।


तीन लोक और चोदह भुवन में ,ईद घोघड को राजआए अचानक न्यू पकड़े भई, ज्यूँ तीतर ने बाज।।एक दिन घोघड आसी रे।🌺🌺🌺🌺
घाल गले में डोर जीवडो पकड़ ले जासी रे।।


जल थल जीव सकल में व्यापक,इस घोघड की खातां।अंत समय में आन मिलेगी,फेर करे दो बातां।।एक दिन घोघड आसी रे।🌺🌺🌺🌺
घाल गले में डोर जीवडो पकड़ ले जासी रे।।


इस घोघड ने सन्त पकडियो,करो भजन से काटो।कह कबीर सुनो भई साधो,जपिए घोघड बाटो।।एक दिन घोघड आसी रे।🌺🌺🌺🌺
घाल गले में डोर जीवडो पकड़ ले जासी रे।।

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