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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Manwa lagya mera ram fakiri me,मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ,nirgun bhajan

मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।

मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।
जो सुख देखा राम भजन में जी, वो सुख नहीं अमीरी मेँ।मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
भला बुरा सब की सुन लीजे, कर गुजरान गरीबी में।।प्रेम नगर में रहन हमारी, भली बन आई सबुरी में।मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
हाथ में कुण्डी बगल में सोंटा, चारों कूंट जगिरी मेँ।।आखिर ये तँ खाक मिलेगा, कहाँ फिरे मगरूरी मेँ।मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
कह कबीर सुनो भई साधो, साहिब मिलेंगे सबुरी में।।मनवा लाग्या मेरा राम फकीरी मेँ।

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