मेरा लाख टके का झुनझना, खाटू ते ल्याई मोल, झना झन बाजे झुनझना।
Tag: Chalo khatu me jagasya gyaras ki raat
कई दिनां सूं डिकता या,फागुन की रुत आई जी।
बहना बोलो ग्यारस के दिन राधे राधे,
जहां बिराजे शीश का दानी,मेरा लखदातार।चलो रे खाटू के दरबार।
खाटु में बिराजे म्हारा,
बाबा श्याम जी,
दिल की है तमन्ना श्याम,में हर ग्यारस खाटू आऊं।
मात पिता की सेवा जैसा,
बन्दे और जगत में,
कोई काम नहीं है,
खाटू में श्याम विराज रहे,
और सालासर में बजरंगी,
हँस हँस मीठो जग में बोलणो रे,
हंसला फेर मिलाला नाय।
कोई पीवो राम रस प्यासा, कोई पीवो राम रस प्यासा।
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