चाल सखी सत्संग में चाला ,
सत्संग मे सतगूरू आसी।
Tag: Chali aayiyo sakhiya sari banshivat pe
दरवाजे आया कौन सखी यह तो बता दो।
तेरी बंसी पे जाऊं बलिहार रसिया,
मैं तो नाचूंगी बीच बाज़ार रसिया।
श्याम बंसी ना बुल्लां उत्ते रख अड़ेया ।
ओ मेरी प्यारी मैया कहते हैं शिव त्रिपुरारी।
Shiv ji ki aayi hai barat,kah do mata rani se,
चली धरके मटुकिया दही वाली।
मुरली वाले पे दुनिया दीवानी हो गई।
मैं देखु जिस और सखी री,
सामने मेरे सांवरिया,
शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
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