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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Chal sakhi satsang me chala,satsang me satguru aasi,चाल सखी सत्संग में चाला ,सत्संग मे सतगूरू आसी,guru bhajan

चाल सखी सत्संग में चाला ,
सत्संग मे सतगूरू आसी।

चाल सखी सत्संग में चाला ,
सत्संग मे सतगूरू आसी।
हरी चरणों की होजा दीवानी ,
नई तो जुगड़ा मे बह जासी।

ब्रह्मा जी आसी वीष्णु भी आसी ,
शंकर आसी केलासी।
छोटो सो गणपति आसी ,
माँ गोरा ने संग लासी।
चाल सखी ….

राम भी आसी लक्मण आसी ,
मधुवन का वनवासी।
हनुमान सा पायक आसी ,
माँ सीता संग में लासी।
चाल सखी ….

घड़ी घड़ी मे भरजे बराबर ,
पलक पलक मे जग जासी।
एक घड़ी सत्संगत करले ,
कट जासी लक चौरासी।
चाल सखी ….

गणेश आसी न रिधी सिधी लासी ,
माँ गोरा ने संग लासी।
दशरथ जी के दो कवर लाडले ,
वे तो वन के वनवासी।
चाल सखी ….

हरी की सेवा गुरु चरण में ,
बनत बनत बीरा बन जासी।
मीठा राम सत संगत शरणे ,
कर भजन नर तीर जासी।
चाल सखी ….

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