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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Shiv ki jyoti se Nur milta hai,शिव की ज्योति से नूर मिलता है,सबके दिलों को सुरूर मिलता है,

शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,

शिव की ज्योति से नूर मिलता है
सबके दिलों को सुरूर मिलता है
जो भी जाता है भोले के द्वार
कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है

पावन गंगा को तुमने
जटा में समाया
मस्तक पे चन्द्रमा को
तुमने सजाया
तन पे भभूति सोहे
सर्पो की माला
बस्ती को छोड़कर डेरा
कैलाश पर डाला
छोड़े हाथी और घोड़े
नंदी की अजब सवारी
लीला अनोखी तुम्हारी
भोले लीला अनोखी तुम्हारी।।

तेरी भक्ति में भोले
शक्ति बड़ी है
शक्ति की देवी गौरा
संग में खड़ी है
बैठे है पास गणपति
बुद्धि प्रदाता
करले जो इनका दर्शन
भव से तर जाता
कर में त्रिशूल जिनके
डमरू की धुन प्यारी प्यारी
लीला अनोखी तुम्हारी
भोले लीला अनोखी तुम्हारी।।

ये तो है बात सारी
दुनिया ने मानी
तेरे समान जग में
कोई ना दानी
होना भंडार खाली
सबकुछ लुटाया
इसीलिए औघड़ दानी
तुमको बताया
खुश होकर जलधारा में
भक्तो की बिगड़ी सुधारी
लीला अनोखी तुम्हारी
भोले लीला अनोखी तुम्हारी।।

गृहस्थी क्या सन्यासी
सभी का तू प्यारा है
उसकी ही लाज रखी
जिसने पुकारा है
कोई कमी ना रखना
भक्ति लुटाना
गाता रहूं मैं भोले
तेरा तराना भक्तो ने तेरे बाबा
चरणों में अर्जी गुजारी लीला अनोखी तुम्हारी
भोले लीला अनोखी तुम्हारी।।

जिनके रोम-रोम में शिव हैं
वही विष पिया करते हैं
जमाना उन्हें क्या जलाएगा
जो श्रृंगार ही अंगार से किया करते हैं

डमरू बजाने वाले
जय हो जय भोले भंडारी
लीला अनोखी तुम्हारी
भोले लीला अनोखी तुम्हारी।।

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