तेरे बिना घनश्याम मेरा दिल नहियो लगदा।
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तू नटवर तू श्याम है, मनमोहन घनश्याम है।
कोई घनश्याम सा नहीं देखा,
जो भी देखा वो बेवफ़ा देखा,
गुरुकुल में पढ़ने जब आया साँवरा,
बस्ते में बाँसुरी ले आया सांवरा,
टाबरिया अरदास करे रे,
मत ना टारो जी,
आन संभालो जी सावर,
आन संभालो जी
हमने अजमा लिया अपना बना लिया,
इक बीज मंत्र से जो चाहा पा लिया,
मेरे श्याम तुझको नमस्कार है नमस्कार है
मोर मुकुट तेरे हाथों में बांसुरीया,
बांसुरिया लेकर आजा घनश्याम कदम के नीचे।