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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Girdhar ki banshi pyari ji girdhar ki,गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की,krishna bhajan

गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

मोर मुकुट पीताम्बर सोहे, कुंडल की शोभा न्यारी जी गिरधर की ।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

यमुना तट पे गउवें चरावे, ओढ़े कामर काली जी गिरधर की।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

गले मुतियन की माला विराजे, हिवड़े हार हजारी जी गिरधर की।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

कुंज गलिन में रास रचायो, गोपिन संग बनवारी जी गिरधर की।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

लूट लूट दधि माखन खायो, रोक लई बृजनारी जी गिरधर की।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

हाथ लकुटिया कांधे कमरिया, सूरत जादू डारी जी गिरधर की।गिरधर की बंशी प्यारी जी गिरधर की।

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