आछी पाई ओ गुरूसा,
म्हाने ज्ञान गुटकी,
Tag: Apne guru se kya mangu
म्हाने कर मनवार पिलायो सा,
सतगुरु सा म्हाने, प्रेम प्यालो पायो जी,
मेरे सतगुरु प्यारे दा ,दरबार बड़ा सोहणा है।
मैने तेरे भरोसे गुरुदेव सागर में नैया डार दई।
गुरु जी तैने कैसो खेल रचायो
तेरी माया को पार ना पायो।
गुरु चरणों में लागा मेरा ध्यान बांसुरी की धुन सुनके।
मांग कर देख लो,
मन में जो खास है,
काया ने सिंगार कोयलिया,
पर मंडली मत जइजो रे।
मेरे गुरुदेव मिलेंगे सत्संग में,
मेरे सदगुरु दीन दयाल काग को हंस बनाते हैं।
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