मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
Tag: Apne guru se kya mangu
सतगुरु मिलिया पागी ,
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
जब टूट जाता हु अपनों के सताने से,
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला
भक्ति रो दान म्हाने देवजो,
गुरु देवो रा देवा रे,
बता दो मेरे गुरुजी महातम एकादशी।
गाओ मंगलाचार सखी हे भोले के फेरे होंगे।
अरे रे मन कर दिया तूने चाला,
बगल में छुरी हाथ में माला।
Man lagi mero yaar fakiri me,
क्या तू लेके आया है क्या तू लेके जायेगा।
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