कोरी मटकी में दही जमे कोन्या।राधा बिना श्याम मिले कोन्या।
Tag: Aao shyam ji kanhaiya nandlal ji
कन्हैया तोसे नैन मिलाकर,तेरी दीवानी हो गई।
श्याम कृपा से जीवन ये,
सुहाना होता है,
मेरी भरी मटकिया ले गयो कान्हा बंशी वालो ।
जितना राधा रोई रोई कान्हा के लिए,
मन बस गयो नन्द किशोर,
अब जाना नहीं कही और,
होले होले बांसुरी बजायियो रे कन्हैया,राधा झूलने आई रे,
कान्हा कान्हा कब से पुकारू हर पल तोरी राह को निहारु,
मेरो नंद गांव ससुराल,अब डर काहे को।
सुन मेरे कान्हा,
ज़रा ये बताना,
खफा हमसे तू क्यूँ हो गया,
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