तर्ज,प्यार दीवाना होता है
श्याम कृपा से जीवन ये,
सुहाना होता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।।
जब थी जरुरत जिसकी,
छोड़ा उसने साथ,
तभी आके मेरा पकड़ा,
सांवरे ने हाथ,
ये जाने रिश्ता कैसे,
निभाना होता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।
श्याम कृपा से जीवन यें,
सुहाना होता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।।
सुनी थी बगिया मेरी,
बिखरी थी धूल,
जाने कब सिचा इसने,
खिल गए फूल,
ये संग है तो हर मौसम,
मस्ताना लगता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।
जिन्हे है भरोसा मेरे,
बाबा श्याम पे,
डरते नहीं वो किसी भी,
अंजाम से,
इनके आगे तूफा को,
हट जाना होता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।
किया अंधेरो में सवेरा,
दिया भरपूर,
भक्तों का बना बाबा
अँखियों का नूर,
भक्तो की खातिर तो इनको,
आना होता है,
खुशियां मिलती है और गम,
अंजाना होता है।