मेरे सदगुरु दीन दयाल काग को हंस बनाते हैं।
Category: गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics
जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
चाल सखी सत्संग में चाला ,
सत्संग मे सतगूरू आसी।
सतगुरु मिलिया पागी ,
अब मारी सुरता भजन मे लागी।
मेरा सतगुरु भया रंगरेज ,
चूनर मारी रंग डाली।
गुरु तो मुझे वही चाहिए ज्ञान बताने वाला
थोड़ो राम जी ने भज ले गेला,
थने सतगुरु देवे हैला।।
भक्ति रो दान म्हाने देवजो,
गुरु देवो रा देवा रे,
तुम हो गुलाब का फूल सतगुरु मेरे।
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
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