गल मोत्यां को हार,
सिर चुनड़ चमक धार,
देकर सोलाहा शृंगार,
माँ बनडी सी लागो जी
Tag: Cham cham chamke chunari maharani
तुमको दादी चुनरी उढाकर नजर उतारू में
आज तो राधे रानी ने श्याम लेबा आया जी
मेरे कंठ बसो महारानी,
राधे रानी राधे रानी बोलो ना,
राज है क्या ये खोलो ना,
सर पे चुनरिया लाल,
और हाथों में मेहंदी रचाई है,
ओढ़ चुनरियाँ मैया लाल चली,
सिंघ सवारी पे है लगती भली।।
मेरी लाज रखो महारानी, तेरो सदा भरूंगी पानी।
इस नभ में ऐसे चमके जैसे सूरज चांद सितारे।
छम छम नाचे घोडा सांवरे सजन का
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