जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
निज रूप को जाना नहीं,
तो पुराण क्या करे।
घट घट में ब्रह्मज्योत का,
प्रकाश हो रहा।
मिटा न द्वैतभाव तो,
फिर ध्यान क्या करे।
जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
रचना प्रभू की देख के,
ज्ञानी बड़े बड़े।
पावे ना कोई पार तो,
नादान क्या करे।
जिसको नही…
करके दया दयाल ने,
मानुष जन्म दिया।
बंदा न करे भजन तो,
भगवान क्या करे।
जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
सब जीव जंतुओं में,
जिसे है नहीं दया।
ब्रह्मानंद व्रत नेम,
पुण्य दान क्या करे।
जिसको नही है बोध,
तो गुरु ज्ञान क्या करे।
निज रूप को जाना नहीं,
तो पुराण क्या करे।