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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Are Chet re nar Chet re,tharo chidiya chug gayi khet re,अरे चेत रे नर चेत रे,थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे,guru bhajan

अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे

अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे,
एजी अब तो मन में चेत रे
तू अब तो दिल में चेत रे
एजी चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे,नर नुगरा रे।
थारे गुरु के नाम से आंटी रे।
अब कुण चढ़ावे थारी घाटी रे
नर नुगरा रे।
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
गुरु के नाम से आंटी रे

अब कुण चढ़ावे थारी घाटी रे
नर नुगरा रे
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

एजी चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
एजी चेत रे नर चेत रे


थारे गुरूजी बतावेगा भेद रे
ज्यासे कटे करम की रेख रे
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

हे गुरूजी बतावे भेद रे
ज्यांसे छूटे जनम की कैद रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे


थोड़ो समझ देख ले आखिर रे,
अब ढाढर खहिज्यो आखिर रे,
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

थोड़ो समझ देख ले आखिर रे,
अब ढाढर खहिज्यो आखिर रे,
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
गुरु चरण दास की वाणी रे
जिन सार शब्द पहचानी रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

गुरु चरण दास की वाणी रे
जिन सार शब्द पहचानी रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे


थारे गुरु के नाम से आंटी
(मनमुटाव – दूरी ) रे
अब कुण चढ़ावे थारी घाटी रे
नर नुगरा रे
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
गुरु के नाम से आंटी रे

अब कुण चढ़ावे थारी घाटी रे
नर नुगरा रे
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

एजी चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
एजी चेत रे नर चेत रे


थारे गुरूजी बतावेगा भेद रे
ज्यासे कटे करम की रेख रे
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

हे गुरूजी बतावे भेद रे
ज्यांसे छूटे जनम की कैद रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे


थोड़ो समझ देख ले आखिर रे,
अब ढाढर खहिज्यो आखिर रे,
नर नुगरा रे…………….
अरे अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

थोड़ो समझ देख ले आखिर रे,
अब ढाढर खहिज्यो आखिर रे,
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
गुरु चरण दास की वाणी रे
जिन सार शब्द पहचानी रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

गुरु चरण दास की वाणी रे
जिन सार शब्द पहचानी रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे
अरे चेत रे नर चेत रे
थारो चिड़िया चुग गयी खेत रे
नर नुगरा रे…………….
एजी अब तो मन में चेत रे
हाँ अब तो दिल में चेत रे

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