बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
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ओढ़ चुनरिया लाल,बैठी है दादी सज धज के।
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज,भगत थारी चुनर ल्याया ये।
खाले डट के रे भोग लगाले डट के।
बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
ओढ़ चुनरिया लाल,बैठी है दादी सज धज के।
ओढ़ो ओढ़ो म्हारी माता रानी आज,भगत थारी चुनर ल्याया ये।
खाले डट के रे भोग लगाले डट के।