थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया। हां उढाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।२।
सावन का सिंधारा म्हासू, दादी आज करा ले।घने चाव सूं टावर आया, चरणों में बिठा ले।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 थाने नैना मांही आज बसाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।२।
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया। हां उढाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।२।
घणी राचनी मेहंदी मैया, महासू आज मंडाले।रोली मोली गजरो ल्याया, चुडलो हाथ घलाले।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺थारो सोनो सो सिंगार, सजाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया। हां उढाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।२।
छप्पन भोग छत्तीसों मेवा,दादी भोग लगाले। टाबरिया सूं मावड़ी,थोड़ी सी प्रीत निभाले।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺थारे चरणों माही शीश, झुकाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।
थाने चुनरी महे टाबरिया उढाने आया। हां उढाने आया।महे तो दादी थारा लाड लड़ाने आया।२।