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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

dadiji aao padharo, दादीजी आओ पधारो,dadi bhajan

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी

तर्ज,अफसाना लिख रही हूं

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

मेहंदी सुरंगी राचणी में घोलकर ल्यायी मां।थे दोनों हाथ बढ़ाओ, थारा हाथ रचाऊंगी।

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

में खनखन करती बाजनी पैजनिया ल्यायि मां।थारा नाजुक पैर बढ़ाओ पायल पहनाऊंगी।

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

कोमल कलियां गूंथ कर मैं गजरो ल्याई मां।थारी सोनी सोनी झांकी, मैं आज सजाऊंगी।

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

आरी तारी सूं जड़ी,में चुनड ल्यायी मां।थे घने चाव सूं ओढ़ो,थाने आज उढाऊंगी।

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

थारा भगत बैठह्या थारी, बाट उड़िके मां।थारे चरणों में महे मैया,आज लूढ़ लूढ जाऊंगी।

दादीजी आओ पधारो,थारा लाड़ लड़ाऊंगी।थे पीड़े ऊपर बैठो,थारा चरण दबाऊंगी।

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