Categories
रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Jad jad ma roli gholu, जद जद मां रोली घोलूं,dadi bhajan

जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे

जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे। किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

देहली में धोकर के,थारा चरण पखारू मां।थारी चौखट ने दादी, हाथां से बुहारूं मां। किन विध में अरदास करूं जो,दादी जी खुश हो जावे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे। किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

मेहंदी की टिकी से दादी,थारा हाथ रचाऊं में।लाल सुरंगी रोली से,थारे तिलक लगाऊं में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺किन विध में थाने रिझाऊं, पो बारह मेरा हो जावे।किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे। किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

अक्षत ले हाथामें मैया,थारे धोक लगाऊं में।खीर पुडा को भोग लगाऊं, चिटकी और चढ़ाऊं मां।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺किन विध थारी किरपा होसि, मनडे ने समझाऊं में।किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

जद जद मां रोली घोलूं,मेरे मन में यो आवे। किन विध सथियों मांडू जो,दादीजी के मन भावे।

Leave a comment