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रानीसती दादी भजन लीरिक्स

Dadi bhajan,ubo thari hajri bajau, उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,

बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

बोल कुनसी सेवा,निभाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

भाव भजन म्हारे,समझ न आवे।भाव में तो हिवड़ो भर भर आवे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बोल कितना आंसुडा बहाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

हर्ष भरूं या सिंगार में गाऊं। किन विधि थारा वारणा उतारूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹शब्द के सिंगार में,सजाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

तन मन धन सबकुछ तेरो है।कुछ भी नहीं,मैया मेरो है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चरणों में भेंट के,चढ़ाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

तेरे बिना सब लागे,जग सुना।तेरे बिना मने भाए कुछ भी ना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरी ममता कईयां गाऊं मैया।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

में तो हर सेवा थारी मानूं। जनम जनम उपकार थारो जानूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दादी दादी नाम बस,गाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।

उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।

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