उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।
बोल कुनसी सेवा,निभाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
भाव भजन म्हारे,समझ न आवे।भाव में तो हिवड़ो भर भर आवे।🌹🌹🌹🌹🌹🌹बोल कितना आंसुडा बहाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।
हर्ष भरूं या सिंगार में गाऊं। किन विधि थारा वारणा उतारूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹शब्द के सिंगार में,सजाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।
तन मन धन सबकुछ तेरो है।कुछ भी नहीं,मैया मेरो है।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹चरणों में भेंट के,चढ़ाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।
तेरे बिना सब लागे,जग सुना।तेरे बिना मने भाए कुछ भी ना।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 तेरी ममता कईयां गाऊं मैया।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।
में तो हर सेवा थारी मानूं। जनम जनम उपकार थारो जानूं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹दादी दादी नाम बस,गाऊं मावड़ी।बोल तने कईयां रिझाऊं मावड़ी।
उभो थारी हाजरी बजाऊं मावड़ी,बोल कुन सो भजन सुनाऊं मावड़ी।