मेरी छोड़ अवध नगरी, वन राम जो जायेंगे
Tag: Ram bhajan lyrics राम भजन लिरिक्स
जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने
मेरी डलिया में राम मेरे हाथों में श्याम,में बेचूं सुबह शाम
गोकुल में भागवत मथुरा में गीता
विष्णु जी के नख से निकली,गंगा मां की धार है
हे राम तेरी दुनियां में कौन सुखी
भर लाई रे गगरिया राम रस की
तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।
सारे जग में डंका बाजे,हो रहयो थारो नाम
नाच रहे हनुमान,राम गुण गाय गाय के।
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