तर्ज,हंसा चाले तो ले चालू रे झुंझनू नगरी
तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।
एकदिन मांग सिंदूर लगावे,देखो सीता मात।२।हनुमान से रहयो नहीं जावे,पूछन लाग्यो बात।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹सीता मां ने कर रहयो तंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।
राम रिझाने के कारण में,करती रे श्रृंगार।इतना सुन हाथों में सिंदूर,लेकर हो गयो त्यार।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹लगावे अपने तन पर रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।
राम रिझाने खातिर बाला,पहने चोला लाल।राम दीवाना बजरंग बाला,नाचे नो नो ताल।चढ़ गयो भक्ति वालों रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।
भक्ति चाहो बालाजी की,चोला चढ़ावो लाल।लाल फूल और लाल सिंदूर से, बाबो होवे खुशहाल।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 अनोखा बालाजी का ढंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।
तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹नाच रहयो बजरंग छमां छम, नाच रहयो बजरंग।तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहयो बजरंग।