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राम भजन लिरिक्स

Jab dhanush janak ka tod diya, जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने,ram bhajan

जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने

तर्ज,महावीर तुम्हारे द्वारे पर एक दर्श भिखारी आया है

जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पहनाई गले में जयमाला तब,सीता जनक दुलारी ने।

सीता का स्वयंवर जनक करे,और सभा में यह ऐलान करे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सीता विवाह धनु पर निर्भर,यह कहा धनुव्रत धारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।

आए थे राजा सभी वहां,योद्धा रावण सा वीर वहां।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺सबको तो वहां पर हरा दिया,श्री सीता रमण बिहारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।

ऋषि परशुराम वहां पर आए,अति क्रोधित होकर झुंझलाए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भयभीतों का भय भगा दिया,श्री भंजन श्री बलिहारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने

संवाद देर तक बहुत हुवा,लक्ष्मण ने उत्तर साफ किया।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺श्री लक्ष्मण जी को रोक लिया, उन वीर पुरुष व्रतधारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।

गए भाग उसी क्षण सब राजा,आकाश में बजते बादल है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺क्षण में था सबको शांत किया,दशरथ नंदन धनुधारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।

जब धनुष जनक का तोड़ दिया,श्री राम चंद्र बलिहारी ने।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पहनाई गले में जयमाला तब,सीता जनक दुलारी ने।

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