तर्ज,सासु लड़ मत
भर लाई रे गगरिया राम रस की,राम रस की रे श्याम रस की।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की
नाही ब्रह्मा ने पी नाही विष्णु ने पी।२।🌹भोले बाबा ने पी ली लगाय चुस्की।२।🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की।२।
नाही रामजी ने पी,नाही लक्ष्मण जी ने पी।भक्त हनुमत ने पी ली लगाय चुस्की।२।🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की।२।
नाही साधुओं ने पी, नाही संतों ने पी।२।मुनि नारद ने पी ली लगाय चुस्की।२।🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की।२।
नाही गोपियों ने पी,ना ही सखियों ने पी।२।सब भक्तों ने पी ली,लगाय चुस्की।२।🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की।२।
भर लाई रे गगरिया राम रस की,राम रस की रे श्याम रस की।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹भर लाई रे गगरिया राम रस की