खाटू की बारस हमें,आज तक याद है,
अभी तक मुंह में,दाल चूरमें का स्वाद है।।
Tag: Khatu Nagari me aisa ek gulab
ना अब रुला मेरे सांवरे,रूठी मेरी किस्मत उसे आके बना दे
बात दिल की मेरे,आके सुन सांवरे।
थोड़ी सी देर डट जा महारो, जीव न भरयो।
दिलदार यार म्हाने तो,
निभानो पड़सी,
मेरी छोड़ अवध नगरी, वन राम जो जायेंगे
खाटू नगरी में ऐसा एक गुलाब है।