तर्ज,मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा
गोकुल में भागवत मथुरा में गीता। भजो राम सीता, भजो राम सीता।
चौदह बरस बनवास बिताया।लंकापति को मार गिराया।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺लंकापुरी से लेकर आए सीता,भजो राम सीता, भजो राम सीता।
जब जब होती है,धर्म की हानी।मानुष के चोले में,आए ब्रह्मज्ञानी।२।🌺🌺🌺🌺🌺अर्जुन को ज्ञान दे, सुनाय रहे गीता।🌺🌺भजो राम सीता, भजो राम सीता।
राम भी तुम हो,श्याम भी तुम हो।भगवान मुक्ति का,धाम भी तुम हो।२।🌺🌺🌺🌺भक्तों का तुमने,सदा मन जीता,भजो राम सीता, भजो राम सीता।
अब कलियुग में,नाव खिवइया। हरी सुमिरन से पार होवे नैया।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺भजन बिना नर,व्यर्थ ही जीता,भजो राम सीता, भजो राम सीता।