तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।
Tag: Ye danedar mala mere kis kaam ki
बुंटी एक से एक चमक रही, कोन सी ले जाऊं रामजी।
सारे जग में डंका बाजे,हो रहयो थारो नाम
कुन बाली रे लंका कुन बाली।
ये दानेदार माला मेरे किस काम की।
तन पर लगा सिंदूरी रंग,छमां छम नाच रहे बजरंग।
बुंटी एक से एक चमक रही, कोन सी ले जाऊं रामजी।
सारे जग में डंका बाजे,हो रहयो थारो नाम
कुन बाली रे लंका कुन बाली।
ये दानेदार माला मेरे किस काम की।