काली काली अमावस की रात में,
काली निकली काल भैरव के साथ में।।
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आज हमारे घर में मैया जी तेरा कीर्तन है।
मैया को अपने घर बुलाएंगे,सारे मिलकर मां का लाड़ लड़ाएंगे।
किसने सजाया तुझको मैया।
बड़ी प्यारी लागे, बड़ी सोणी लागे।
नवरातों में रंग बरसाओ,आओ आओ मां अम्बे आओ।
मैया के दर पे नजारा मिलता है
मैया काया है एक रेल,रेल अब चलने वाली है
घर से निकली में अकेली,रस्ते में शेर मिला दईया
दोय दोय गुजारियां के बीच में, अकेलो कानुडो।
एक अकेला कान्हा, और गोपी कई हजार।